Coranavirus से कैसे बचे,लक्षण क्या है,फैलने के कारण, उत्पत्ति,जन्म

Coranavirus क्या है

Coranavirus कैसे फैलता है।

कोरोना वायरस कहां फैलता है।

Coranavirus न फैले इसके लिए क्या क्या सावधानी रखना चाहिए ।

Coranavirus उत्पन्न होने का कारण क्या है

एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार Coranavirus एक ऐसा वायरस है, जो मनुष्य के साथ-साथ मवेशियों, सूअरों, मुर्गियों, कुत्तों, बिल्लियों, जंगली जानवरों को संक्रमित करता है।

अभी तक ऐसा माना जा रहा है,

कि कोरोना वायरस चीन देश से शुरू हुआ है। सबसे पहले इसके वायरस सेंट्रल चीन के वुहान शहर में पाए गए थे। Pomegranate से हेल्थी स्पर्म बढ़ाएं सेक्स में आई कमी को दूर करे

फिलहाल Coranavirus का इन्फेक्शन भयानक रूप ले चुका है । चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे राक्षस नाम से पुकारा है, उनका मानना है कि यह वायरस विकराल रूप लेता जा रहा है।

साल 2019 में Coranavirus टाइप के वायरस की खोज हुई थी।

WHO वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (विश्व स्वास्थ संगठन) ने Coranavirus का अभी कोई नाम नहीं रखा है। पके केले के इन 4 अचूक फायदों को आप नहीं जानते होंगे

WHO के अनुसार, वायरस सी क्लास मार्केट से जुड़ा हुआ है। सबसे पहले इसी प्रकार के मार्केट के पास से इसके वायरस मिले थे।

Coranavirus विषाणुओं के परिवार से आता है और इसी से लोग बीमार अधिक मात्रा में हो रहे हैं।

यहां वायरस सभी प्रकार के जानवर में प्रवेश कर सकता है। जैसे कि ऊंट,बिल्ली,चमगादड़, कुत्ते, पक्षियों, तक में इसके वायरस पाए गए हैं।

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लेकिन अब WHO को इस बात का अंदेशा है कि यहां एक इंसान से दूसरे इंसान में फ़ैल सकता है।

Coranavirus अपना फैलाव कैसे करता है –

अभी तक एक्सपर्ट की राय के अनुसार यहां वायरस सिर्फ खांसी और सर्दी की छींक के जरिए लोगों में फेल रहा है।

इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि यहां वायरस बहुत ही आसानी से किसी को भी अपने संक्रमण में लिप्त कर सकता है।

अगर ऐसा है तो किसी भी व्यक्ति को खांसते समय, हाथ मिलाने से, नजदीक संपर्क बनाने से सामने वाले व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

Coranavirus के लक्षण –

आमतौर पर अभी तक जो नतीजे आए हैं, उसमें यहां पाया गया कि Coranavirus पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर जो मरीज रहता है। Sex Power किस fruit से बढाये

उसको सांस लेने में दिक्कत, थकान , तेज बुखार एवं सूखा कफ, सर्दी जुखाम, गले में सूजन, सिर दर्द जैसी समस्याएं देखने को मिली है।

यहां वायरस निमोनिया जैसे लक्षण भी पैदा करता है।

इस वायरस से संक्रमित होने के कम से कम 12 से 15 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

Coranavirus से प्रभावित व्यक्ति कौन –

Coranavirus से ज्यादातर अस्पताल में भर्ती किए गए व्यक्तियों में बुजुर्ग वृद्ध ज्यादा प्रभावित हुए ।

क्योंकि ऐसा माना जा रहा है की यहां वायरस उन्हीं लोगों को प्रभावित कर रहा है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।

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यह माना जा रहा है कि युवा वर्ग में यहां वायरस बुजुर्गों की तुलना में कम है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर भी कोरोना वायरस जैसे वायरसों को हराया जा सकता है।

Coranavirus ना फैले, इसके के लिए क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए –

हमें बंद डिब्बों में रखा फूड जो दो-तीन दिन पुराना हो उसको खाने से परहेज करना चाहिए।

48 घंटों से पहले बनी चीजों को खाने से बचना चाहिए।

जानवरों के मीट (मांस) को हो सके तो ना खाएं।

अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखें।

घर से निकलते वक्त अपने मुंह और नाक पर मास्क या बारिक कपड़े का उपयोग करें ।

सार्वजनिक स्थलों पर जाने से कुछ समय के लिए बचे, जैसे कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्र आदि।

बाहर का भोजन करने से परहेज करें।

लोगों को जागरूक करें वायरस के बारे में ना की अफवाह फैला कर उनको डराएं।

सार्वजनिक शौचालय यूज करने से पहले उसको किसी भी सैनिटाइजर या हैंड रब से साफ कर ले। (उस पर स्प्रे लगाएं)।

किसी व्यक्ति से बात करते वक्त एक डिस्टेंस बनाकर रखें।

किसी व्यक्ति को सर्दी – खांसी, बुखार या गले में दर्द हो तो उसे तुरंत हॉस्पिटल जाने की सलाह दें।

साबुन और पानी से हाथ साफ रखें।

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आइसक्रीम, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, फास्ट फूड, ठंडा दूध, बासी मीठा दूध, बड़ा पाव, बेकरी की बनी चीजें, पेस्टी, केक खाने से कुछ समय के लिए बचे।

गले को सूखने ना दे गला सूखने लगे तो पानी पीकर उसको गिला रखें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं –

उचित पोषक आहार –

उचित पोषक आहार खाने से भी हम हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

हमारी डाइट में ऐसे खानपान शामिल करें, जिससे कि हमें पर्याप्त शक्ति मिले।

खाना सिर्फ पेट भरने के लिए ही नहीं खाया जाता है। हमें रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करें, इसलिए खाया जाता है।

लेकिन आमतौर पर आज हमारा खान-पान इतना बदल चुका है कि हम सिर्फ स्वाद के लिए भोजन करने लगे हैं।

वह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है। इस पर हम जरा भी गौर नहीं करते हैं।

इसी का खामियाजा हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों आने के बाद भुगतना पड़ता है। की हमने हमारे स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा।

सुबह जल्दी उठना भी हमारे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है –

यहां बिल्कुल सत्य है कि सुबह जल्दी उठने से हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति जागृत होती है।

सुबह जल्दी उठने का मतलब यह नहीं है, कि आप अपनी नींद को पर्याप्त समय ना दे।

लेकिन फिर भी गर्मी के मौसम में 5:00 से 6:00 बजे के बीच हमें बिस्तर छोड़ देना चाहिए

सर्दियों के मौसम में हमें 6:00 से 7:00 के बीच विस्तार को त्याग कर मॉर्निंग वॉक पर जाना चाहिए।

सामान्य व्यक्ति को कम से कम 7 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 8 घंटे की नींद लेना पर्याप्त माना गया है।

पर्याप्त नींद नहीं लेने से हमारे शरीर में अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लग जाती है,

जिसमें मुख्य रूप से हार्मोन के लेवल में बढ़ोतरी होती है।

जिससे हमारा इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है, साथ ही तनाव एवं चिड़चिड़ापन को भी बढ़ाता है।

कम नींद लेने से शरीर में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन लेवल भी बढ़ जाता है।

कसरत और योग (Exercise and Yoga) –

कसरत करने के लिए सुबह का समय उत्तम माना गया है।

नियमित रूप से सुबह की सैर एवं कसरत, साथ में योगा

इसी के साथ अगर हाथ पैरों के साथ, शरीर की हल्की सी मालिश हो जाए तो,

आपके शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति 4 गुना बढ़ जाएगी।

सुबह का नाश्ता –

सुबह का नाश्ता आम तौर पर सभी लोग नहीं करते,

लेकिन यहां एक बहुत ही रामबाण साबित होता है। नाश्ता लेने के बाद हमारे शरीर का एनर्जी लेवल बढ़ जाता है।

क्योंकि रात का जो हम भोजन लेते हैं, वह सुबह तक पूरा पच चुका होता है।

जिसकी वजह से हमारे शरीर को ऊर्जा की बहुत ही आवश्यकता रहती है।

सुबह नाश्ता करने की परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है।

हमारे योग गुरुओं ने भी सुबह नाश्ते का महत्व अपने आयुर्वेद में बताया है।

हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी है।

मेटाबॉलिज्म अच्छा रहेगा तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होगी।

मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए हमें 4:00 से 5:00 घंटों के अंतराल में हेल्थी एवं पौष्टिक भोजन खाना बहुत ही जरूरी है।

पौष्टिक भोजन में हम हरी सब्जियां, विभिन्न प्रकार की दालें, दूध, दही, छाछ, पनीर को भी हम शामिल कर सकते हैं।

लहसुन, अदरक, अश्वगंधा, मुलेठी, खट्टे फल –

लहसुन को आयुर्वेद में औषधि माना गया है जिसको खाने से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

लहसुन में पाए जाने वाले तत्वों से हमें संक्रमणों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

अदरक अश्वगंधा मुलेठी इन को नियमित रूप से आपके भोजन में शामिल करेंगे तो

विभिन्न प्रकार की बीमारियों से हमें काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।

रोज की डाइट में अगर हम इन सब को शामिल ना कर पाए तो

इनमें से किसी एक को अगर हम खाए तो काफी लाभ होगा।

खट्टे फल की अगर हम बात करें तो नींबू से लेकर आंवला, संतरा, मौसंबी, अंगूर को खट्टे फल में शामिल कर सकते हैं।

खट्टे फल जो होते हैं वह विटामिन सी के भी अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं।

खट्टे फलों के अंदर रोगों से लड़ने की शक्ति आम फलों की तुलना में ज्यादा होती है,

यह हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को भी कई गुना बढ़ा देते हैं।

खट्टे फलों में अगर सबसे ज्यादा महत्व किसी फल को दिया जाता है। तो वहां हैं “आंवला”

आंवले से विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाई जाती है।

आयुर्वेद में आंवले को कई दवाइयों का जन्मदाता माना गया है।

अगर संभव हो सके तो आपके भोजन में किसी भी प्रकार से आंवला आ जाए तो आप से बीमारियां कोसों दूर भाग जाएगी।

जैसे कि आंवला अचार, मुरब्बा, चूर्ण, जूस, आंवला सुपारी, आदी कुछ भी हो सकता है, हमें तो सिर्फ आंवला खाना है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिए –

शरीर को स्वास्थ्य एवं फुर्तीला बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ही आवश्यक है।

पानी पीने से हमारे शरीर के विषैले पदार्थ मूत्र मार्ग से हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

जिसके कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैं।

पानी को हल्का सा गुनगुना (गर्म) करके पीने से भी शरीर में अच्छे परिणाम देखे जा सकते हैं।

ग्रीन टी को पीने से भी शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

पानी में तुलसी या शहद मिलाकर पीने से भी कई रोगों से छुटकारा मिल सकता है।

https://en.wikipedia.org/wiki/Coronavirus

Coranavirus की उत्पत्ति स्थल

कोरोना वायरस की उत्पत्ति के विषय में प्रमाणिकता के साथ अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि यह कहां से उत्पन्न हुआ

लेकिन यह माना जा रहा है की इसकी उत्पत्ति जानवरों से हुई है।

कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के ही एक जंगली जानवर बेचे जाने वाले मार्केट से होना पाया गया है। जो C फूड बाजार की श्रेणी में आता है।

यह पर जो लोग काम कर रहे थे, उनको अचानक बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा ।

जिनमे अधिकतर वो लोग सामने आये जो इस virus से प्रभावित हुए जो

इस बाजार में रोज अपना मॉल बेचने के लिए आते थे ।

virus की चपेट में वो लोग भी आ गए जो अप्रत्यक्ष रूप से इनसे जुड़े हुए थे ।

मार्केट में काम करने वाले लोग थे । जानवरों में मछली , सांप , कछुवे , एवं जानवरों के मांस के संपर्क मे थे और इनको बेचते थे ।

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